कविता संग्रह >> अग्निगर्भ हिन्दी की विज्ञान कथा-कवितायें अग्निगर्भ हिन्दी की विज्ञान कथा-कवितायेंहेमन्त द्विवेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
विज्ञान कथा-कविता का सरल मतलब है विज्ञान+कथा+कविता। क्लासिक परिभाषा के अनुसार इसी कविता के दो तत्त्व हैं-विज्ञान और कथा, यानी नैरेशन, जो भविष्योन्मुखी है। अन्य विद्वानों का मत है कि वैज्ञानिक थीम्स को काल्पनिक प्रसंगों में प्रयुक्त करनेवाली कविता, विज्ञान कथा-कविता है। मुख्य धारा की कविता जो व्यक्तिगत जीवन एवं अनुभव पर ज्यादा आधारित है, विज्ञान कथा-कविता अनुभव के बजाय कविता से अधिक नाता रखती है। परन्तु अब यह विवाद नहीं रहा। इसमें फन्तासी, हॉरर, स्पेकुलेटिव, बर्हिवेशी कथाएँ आदि से सम्बन्धित सभी वर्ण्य विषय शामिल हैं। अग्निगर्भ में मानवीय संवेदना की यथार्थ, विज्ञान और कल्पना से जो भिडंत हुई है, वह इसे उत्कृष्ट कविता बनाती है।
अग्निगर्भ के पहले खंड की कविता चश्मदीद तथा दूसरे खंड की लम्बी कविताएँ तथा-प्रेत भूमि, पूर्णिमा की रात, एक और संजय तथा उड़नतश्तरी विशेष रूप से उल्लिखित हैं। कुल मिलाकर यह हेमंत द्विवेदी का अद्भुत, अकल्पनीय और आश्चर्यजनक संसार है।
अग्निगर्भ के पहले खंड की कविता चश्मदीद तथा दूसरे खंड की लम्बी कविताएँ तथा-प्रेत भूमि, पूर्णिमा की रात, एक और संजय तथा उड़नतश्तरी विशेष रूप से उल्लिखित हैं। कुल मिलाकर यह हेमंत द्विवेदी का अद्भुत, अकल्पनीय और आश्चर्यजनक संसार है।
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